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24 Nov 2022 · 1 min read

सदियों का छल

आज भी चुभता
एकलव्य का अंगूठा!
आज भी कटता
बर्बरीक का सर!!
आज भी कर्ण को
अपमानित किया जाता!
भरी सभा में उसे
एक शूद्र पुत्र कहकर!!

Language: Hindi
104 Views
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