“आज के मेरे विचार”
डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
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सपने हम
बुन लेते हैं,
आशा लेकर
जीते हैं !
तन्हाइयो मे
ये साथ मेरे,
मंजिल को
पा लेते हैं!!
नौका क्यों न
मझधार में हो,
काली अंधियारी
रातें हों !
दिशा दिखता
क्षितिज मुझे,
मौसम का चाहे
पता न हो !!
धीरज ,धर्म
बना बल मेरा ,
आँखों में
आशा का डेरा !
फिर क्यों
हम डर जायें ?
आने वाला
सुखद सबेरा !!
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डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत