Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2022 · 1 min read

आज अपना सुधार लो

आज अगर तुमने
मेहनत का बीज बो दिया,
कल तुम ही सफलता के
फल को खाओगे।
समुंद्र के तह में तुम उतरोगे ,
तभी तो मोती ला पाओगे।

अभी समय है तुम्हारा है,
जी तौर मेहनत कर लो।
कल तुम्हें पछताना न परे
इसलिए आज और अभी
तुम संघर्ष कर लो।

आसमान की ऊँचाई को
तुम तब ही छू पाओगे,
जब मेहनत की सीढी तुम
आसमान तक लगा पाओगे।

भविष्य में तुफानों से अगर
तुम बचना चाहते हो ,
तुम खुद को आज मजबूत बना लो
वरना जिन्दगी के तूफानों मे
कल तुम इधर-उधर
भटकते रह जाओगे।

सुधारना है भविष्य अपना अगर
पहले आज को अपना सुधार लो
वरना जिन्दगी भर हाथ मलने के अलावा
कुछ नही कर पाओगे।

~अनामिका

Language: Hindi
8 Likes · 10 Comments · 491 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
जीवन मर्म
जीवन मर्म
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
3256.*पूर्णिका*
3256.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Ranjeet Shukla
Ranjeet Shukla
Ranjeet kumar Shukla
अतिथि हूं......
अतिथि हूं......
Ravi Ghayal
प्रकृति और तुम
प्रकृति और तुम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
गरीबी
गरीबी
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
नारी शक्ति..................
नारी शक्ति..................
Surya Barman
पत्थर
पत्थर
Shyam Sundar Subramanian
"सावधान"
Dr. Kishan tandon kranti
👍👍👍
👍👍👍
*Author प्रणय प्रभात*
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
ख्वाब देखा है हसीन__ मरने न देंगे।
Rajesh vyas
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
पिता पर एक गजल लिखने का प्रयास
Ram Krishan Rastogi
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
पेट्रोल लोन के साथ मुफ्त कार का ऑफर (व्यंग्य कहानी)
Dr. Pradeep Kumar Sharma
स्वांग कुली का
स्वांग कुली का
Er. Sanjay Shrivastava
भगतसिंह मरा नहीं करते
भगतसिंह मरा नहीं करते
Shekhar Chandra Mitra
जी करता है...
जी करता है...
डॉ.सीमा अग्रवाल
*रामपुर के गुमनाम क्रांतिकारी*
*रामपुर के गुमनाम क्रांतिकारी*
Ravi Prakash
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
परिवार, प्यार, पढ़ाई का इतना टेंशन छाया है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
पिता, इन्टरनेट युग में
पिता, इन्टरनेट युग में
Shaily
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
खुदा को ढूँढा दैरो -हरम में
shabina. Naaz
ज़िंदगी तेरी किताब में
ज़िंदगी तेरी किताब में
Dr fauzia Naseem shad
मैं फक्र से कहती हू
मैं फक्र से कहती हू
Naushaba Suriya
आजादी दिवस
आजादी दिवस
लक्ष्मी सिंह
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
एक महिला तब ज्यादा रोती है जब उसके परिवार में कोई बाधा या फि
Rj Anand Prajapati
बस चार है कंधे
बस चार है कंधे
साहित्य गौरव
रूह की अभिलाषा🙏
रूह की अभिलाषा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
भुजरियों, कजलियों की राम राम जी 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
* सुन्दर फूल *
* सुन्दर फूल *
surenderpal vaidya
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लगाव
लगाव
Rajni kapoor
Loading...