आजादी का पर्व
गीत
पर्व मनाएँ आजादी का,
वीरो का गुणगान हो।
देशभक्ति संकल्प साधने,संविधान का मान हो।
कर्तव्यों का बोध जरूरी,
नव भारत निर्माण में ।
भेदभाव मिटाना होगा,
अब तो हिंदुस्तान में ।
भ्रष्टाचार समूल मिटें,
विकास का शंखनाद हो।
देशभक्ति संकल्प साधने, संविधान का मान हो।
लूट खसोट चोर बाजारी,
स्वार्थ भाव का त्याग करें ।
शंखनाद हो स्वाभिमान का,
राष्ट्र प्रेम का भाव भरें।
मानव जीवन की गरिमा का,
क्रांतिकारी अभियान हो।
देशभक्ति संकल्प साधने, संविधान का मान हो।
सत्ता और विपक्ष आपसी,
एक दूजे का मान रखें ।
संसद से पारित नियमों को
सब मिल कर स्वीकार करें।
बहस विरोध सब हो संसद में,
सड़को पर न जाम हो ।
देशभक्ति संकल्प साधने, संविधान का मान हो ।
हड़तालों से बर्बादी का,
ध्यान सभी रखना है ।
कार्य रुके न कोई देश का,
संकल्प सभी को लेना है ।
विकासशीलता कायम रखने,
शांति पूर्वक विरोध हो।
देशभक्ति संकल्प साधने, संविधान का मान हो ।
नैतिकता और मर्यादा का,
पालन बहुत जरूरी है ।
धन बल,बाहु बल के चलते,
आजादी मिली न पूरी है ।
भ्रष्टाचारी न हो संसद में
ऐसा कोई कानून हो।
देशभक्ति संकल्प साधने,संविधान का मान हो ।
राजेश कौरव सुमित्र