**** आघात ****
पहुंचा हो आघात अकारण
किसी को मेरे कारण आज
मैं करता हूं परिताप हो गई
हो अगर भूल मुझसे आज
लगा हो अकारण ही आघात
फिर भी मानता हूं अपराध
मैं अपने इस कृत्य को
ना जानकर भी कारण
अकारण क्षमा चाहता हूं
यदि पहुंचा हो आघात
अकारण मेरे कारण आज ।।
?मधुप बैरागी