Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2024 · 1 min read

आओ कुछ दिल की बातें करके हल्का हो लें।

आओ कुछ दिल की बातें करके हल्का हो लें।

चलो आज तुम और मैं थोड़ा थोड़ा रो लें।

बह जाने दो दर्द आंखों से, इस
पानी से अपने झख्मों को धो लें।

धूप में जला है बहुत ये तन मन, आओ
चांदनी में अब कुछ देर सो लें।

काटें बहुत थे राहों में अपनी, उन्हें हटाकर
सुंदर फूलों की क्यारियां बो लें।

ये जिंदगी चुभने लगी है अब तो,
चलो प्यार की बरसात में खुद को भिगो लें।

1 Like · 58 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आप अभी बाहर जी रहे हैं, असली हीरा अंदर है ना की बाहर, बाहर त
आप अभी बाहर जी रहे हैं, असली हीरा अंदर है ना की बाहर, बाहर त
Ravikesh Jha
ज़िंदगी की ज़रूरत के
ज़िंदगी की ज़रूरत के
Dr fauzia Naseem shad
* पावन धरा *
* पावन धरा *
surenderpal vaidya
अनोखा दौर
अनोखा दौर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
तेरी इस वेबफाई का कोई अंजाम तो होगा ।
Phool gufran
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
ऐसी प्रीत कहीं ना पाई
Harminder Kaur
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
निंदा से घबराकर अपने लक्ष्य को कभी न छोड़े, क्योंकि लक्ष्य म
Ranjeet kumar patre
फिर फिर मुड़ कर
फिर फिर मुड़ कर
Chitra Bisht
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
*परवरिश की उड़ान* ( 25 of 25 )
Kshma Urmila
Casino 23Win mang đến không gian giải trí hiện đại với hàng
Casino 23Win mang đến không gian giải trí hiện đại với hàng
23Win
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
कोई फ़र्क़ पड़ता नहीं है मुझे अब, कोई हमनवा हमनिवाला नहीं है।
*प्रणय*
सच्ची लगन
सच्ची लगन
Krishna Manshi
21-- 🌸 और वह? 🌸
21-- 🌸 और वह? 🌸
Mahima shukla
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
ज़िंदगी - एक सवाल
ज़िंदगी - एक सवाल
Shyam Sundar Subramanian
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
फलों से लदे वृक्ष सब को चाहिए, पर बीज कोई बनना नहीं चाहता। क
पूर्वार्थ
वर्दी (कविता)
वर्दी (कविता)
Indu Singh
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
वसुंधरा की पीड़ा हरिए --
Seema Garg
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
*थोड़ा-थोड़ा दाग लगा है, सब की चुनरी में (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
ज़रा सा पास बैठो तो तुम्हें सब कुछ बताएँगे
Meenakshi Masoom
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शामें दर शाम गुजरती जा रहीं हैं।
शिव प्रताप लोधी
3756.💐 *पूर्णिका* 💐
3756.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
देखिए आईपीएल एक वह बिजनेस है
शेखर सिंह
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
आलस्य एक ऐसी सर्द हवा जो व्यक्ति के जीवन को कुछ पल के लिए रा
Rj Anand Prajapati
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
संवेदना -जीवन का क्रम
संवेदना -जीवन का क्रम
Rekha Drolia
राणा प्रताप
राणा प्रताप
Dr Archana Gupta
"ख्वाहिश"
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...