*आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल* (कुंडलिया)
आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल (कुंडलिया)
आई वर्षा देखिए, कैसी है सुर-ताल
मद्धिम-मद्धिम पड़ रही, नाजुक इसकी चाल
नाजुक इसकी चाल, नगाड़े-सी बज जाती
कभी शेर का नाच , शोर लग रहा मचाती
कहते रवि कविराय, हर्ष की ले ॲंगड़ाई
वर्षा जल के संग, श्याम मेघों पर आई
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर एऊउत्तर प्रदेश मोबाइल 99976 15451