‘आई लव यू’ कहें मगर …
एक लेख : वेलेन्टाइन डे के पर
‘आई लव यू’ कहें मगर …
-आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’
प्यार के भुगत भोगी कहते हैं कि प्यार किया नहीं जाता, हो जाता है। बात भी सही है। अगर प्यार किया ही जाता तो हम ‘वेलेन्टाइन डे’ पर किसी एक विशेष व्यक्ति से ही क्यों कहते कि ‘‘आई लव यू …।’’ जी हाँ, हर वर्ष 14 फरवरी को हम अब ‘प्रेम उत्सव’ के रूप में मनाने लगे हैं। भले ही यह पाश्चात्य संस्कृति की सीधी नकल हो, फिर भी अपनी प्रेम भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए हम इस दिन का इंतज़ार करते हैं। भले ही हमारी उम्र के व्यक्ति (प्रौढ़) किसी को ‘‘आई लव यू…’’ कहने की हिम्मत न जुटा सकें ,पर विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के विज्ञापन वाले पृष्ठों पर प्रेम सन्देशों में कहीं न कहीं कुछ खोज रहे होते हैं हम हर वर्ष 14 फरवरी वाले दिन सुबह-सुबह।
इन प्रेम सन्देशों में प्रेमी-प्रेमिकाओं ने अपनी भावनाएं व्यक्त की होती हैं। हर संदेश के शब्द भले ही भिन्न रहे हों,पर भाव एक ही होता है-‘आई लव यू’, तुम जहाँ भी हो ख़ुश रहो, भगवान तुम्हें सारे ज़हां की ख़ुशियाँ दे, तुम अगर मिल जाओ तो…, तुम्हें पा लिया तो…,तुम अगर मिल जाते तो ज़िन्दगी कुछ और ही होती…।’’ आदि-आदि कहने व लिखने से बढ़कर कुछ प्रेमी-प्रेमिकाओं के क़दम इस दिन इतने आगे बढ़ जाते हैं कि उनके आगे समाज की मान-मर्यादाएँ, देश की सभ्यता व संस्कृति कोई मायने नहीं रखती। सभ्य ढंग से किसी को फूल भेंट करते हुए कहो कि ‘आई लव यू’ तो कोई बात नहीं। अगला बुरा माने तो क्षमा मांग लो। पर यह किसने कहा था कि स्कूल-काॅलेज के लड़के-लड़कियाँ भरी कक्षा में ही एक दूसरे को चूम डालें और कहें कि आई लव यू। सहेलियों या सहपाठियों की परवाह नहीं और प्रेमी अपनी प्रेमिका के गले में मंगलसूत्र डाल कर उसे अपनी पत्नी बना डाले और कहे कि आई लव यू। इसके बाद माता-पिता कल तक जिसकी शिकायत करते थे उसी को अपना दामाद न स्वीकारें तो और करें भी क्या? काॅलेज़ के छात्र-छात्राओं की उम्र भले ही प्यार के बारे में झट से यह कहने की हो जाती हो कि ‘आई लव यू’-किन्तु स्कूल स्तर के छात्र-छात्राओं को तो शायद यह मालूम भी नहीं होता है कि प्यार होता क्या है? पर इस दिन वो भी कहते सुने जाते हैं कि आई लव यू। कहने का मतलब यह है कि प्यार को सही रूप में समझे बिना ही स्कूल-काॅलेज़ स्तर के छात्र-छात्राएँ अपने घर-परिवार की मान-मरियादाओं और सामाजिक परम्पराओं को ताक पर रखकर कहने लगते हैं कि आई लव यू।
हम कह सकते हैं कि ‘आई लव यू’ कहना बुरा नहीं है। पर सही समय व स्थिति पर इसका न कहा जाना बहुत बुरा है। रिश्ते में सही बैठे तो गाली भी बड़ी प्यारी लगती है और यदि रिश्ता न हो तो रिश्ते का नाम भी गाली लगता है और मार-पीट ही नहीं ,बल्कि हत्याएँ तक भी सिर्फ एक गाली देने या किसी रिश्ते के नाम को गाली की तरह इस्तेमाल करने पर समाज में हो जाती हैं।
निष्कर्षतः हम कह सकते हैं कि 14 फरवरी को अगर एक उत्सव की तरह मनाना है तो ‘आई लव यू’ को यँू न कहिए कि वह एक गाली लगे और लव की जगह लफड़ा हो जाए। किसी को ‘आई लव यू’ कहने से पहले देख लीजिए कि अगला भी आपसे प्यार करता है कि नहीं? उसे आपके प्यार की ज़रूरत है कि नहीं ? आपके प्यार के बदले आपको उससे जो मिलेगा उसे आप पचा भी पाएँगे कि नहीं ? कहीं आपका प्यार केवल विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण मात्र तो नहीं है ? क्योंकि बहुत बार हम अपनी पसंद के मुताबिक विपरीत सेक्स के प्रति आकर्षण को ही प्यार समझ लेते हैं और किसी को ‘आई लव यू’ कहने की भूल कर बैठते हैं। अतः‘आई लव यू’ कहें मगर बहुत सोच कर।
-आनन्द प्रकाश ‘आर्टिस्ट’
अध्यक्ष, आनन्द कला मंच एवं शोध संस्थान,
सर्वेश सदन, आनन्द मार्ग,आनन्द नगर,कोंट रोड़,
भिवानी-127021 (हरियाणा)