*आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)*
आई बारिश हो गई,धरती अब खुशहाल(कुंडलिया)
—————————————————-
आई बारिश हो गई ,धरती अब खुशहाल
मुस्कानों से भर उठे , सूखे सारे ताल
सूखे सारे ताल , घमंडी गर्मी भागी
पवन हो चली मस्त , प्रीति की बंसी जागी
कहते रवि कविराय ,सभी को रिमझिम भाई
सबके मन आह्लाद , सुहानी बारिश आई
—————————————————
रचयिता : रवि प्रकाश ,बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451