आईने सा ये दिल
आईने सा ,
ये दिल टूटा है
मेरी क़िस्मत ने
मुझको लूटा है
ज़िंदगी तुझसे
क्या-क्या छूटा है
नींद टूटी है
ख़्वाब टूटा है
उसका अंदाज़ है
जुदा सबसे
न ख़फ़ा है न मुझसे
रूठा है!
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
आईने सा ,
ये दिल टूटा है
मेरी क़िस्मत ने
मुझको लूटा है
ज़िंदगी तुझसे
क्या-क्या छूटा है
नींद टूटी है
ख़्वाब टूटा है
उसका अंदाज़ है
जुदा सबसे
न ख़फ़ा है न मुझसे
रूठा है!
डाॅ फौज़िया नसीम शाद