आईना देखना पहले
आईना देखना पहले,करें गर प्यार किसी से।
अंजाम देखना पहले, मिले गर प्यार किसी से।।
आईना देखना पहले——————।।
बहुत है आशिक तेरे,मिलते हैं राह में तुमको।
आत्मा देखना पहले, मिले गर फूल किसी से।।
आईना देखना पहले——————।।
सबकी नहीं होती पूजा, पिछड़े हैं बहुत यहाँ पर।
रोशनी देखना पहले, जुड़े गर हाथ किसी से।।
आईना देखना पहले——————–।।
ऐसा भी शौक नहीं हो, नहीं हो पैर जमीं पर।
साहिल देखना पहले, मिले गर हाथ किसी से।।
आईना देखना पहले——————-।।
बना रहे हैं ताबुत, करके खून मोहब्बत का लोग।
ईमान देखना पहले, कहे गर खुदा किसी से।।
आईना देखना पहले——————।।
शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)
मोबाईल नम्बर- 9571070847