आईना झूठा नही है।
वो आईना झुठा नहीं है जनाब ये सब बतायेगा।
जिंदगी तो सिर्फ एक आईना हैं..
इस आईने में जो देखना चाहों वही दिखायेगा।।
पल में हँसाए पल में रुलाये भेद खोल जायेगा।
जिंदगी के आईने को समझों तो पार लगायेगा।।
लोभ का पर्दा गिरे तभी आईना नजर आयेगा।
वही सिर्फ सच और झूठ से अवगत करायेगा।।
© प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुन्द (छःग)