Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2018 · 1 min read

आंच

आंच

——–

उसने शादी के पलकॊं पर,

हज़ारों ख़्वाब सजा रखे थे !

असंख्य भावी खुशियाँ

दूसरों को खुश करने में निकल गईं ।

वो प्यार पाने की चाहत ,

काम – काज के सौदे के साथ मिल गए ।

कुछ ख़्वाहिशें . . .

तवा पर रोटियों की जगह सेंक दिए !

बाकि बचे अरमान . . .

टिफिन में बँद कर

रोज़ पति को भेजते गई ।

सोफा – चादर- रसोई – बरतन ,

जाने कितने नए दोस्त उसके

सबसे अजीज़ होते गए !

फोन पे पापा को

अपनी ख़ुशी का भरोसा दिलाना

आसान हो गया !

दिल की सारी उम्मीदें सिमट कर,

शाम के पति के इंतज़ार पे आ के टिक गईं !

फ़िर भी एक डर सा हमेशा दिल में . . .

” कोई आँच न आए रिश्ते पे ”

इसी सोच में गुम कई दफ़ा . . .

चूल्हे की आँच पर

उँगलीयाँ जला ली है उसने । ।

राहुल प्रसाद (एसबीआई अधिकारी)

पलामू झारखंड

Language: Hindi
505 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

#पितरों की आशीष
#पितरों की आशीष
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
राष्ट्रहित में मतदान करें
राष्ट्रहित में मतदान करें
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
शीर्षक - कुदरत के रंग...... एक सच
Neeraj Agarwal
*दूर के ढोल होते सुहाने*
*दूर के ढोल होते सुहाने*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
दोहे
दोहे
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
"गार्ड साहब"
जगदीश शर्मा सहज
भोर अगर है जिंदगी,
भोर अगर है जिंदगी,
sushil sarna
दोस्त, ज़िंदगी में तीन चीजे काम करती हैं,नीति,नियम और नियत,अ
दोस्त, ज़िंदगी में तीन चीजे काम करती हैं,नीति,नियम और नियत,अ
Piyush Goel
*प्राकृतिक संगीत*
*प्राकृतिक संगीत*
Shashank Mishra
मन मूरख बहुत सतावै
मन मूरख बहुत सतावै
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
4750.*पूर्णिका*
4750.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चांद दिलकश चेहरा छुपाने लगा है
चांद दिलकश चेहरा छुपाने लगा है
नूरफातिमा खातून नूरी
एक शाम ऐसी थी
एक शाम ऐसी थी
Ritu chahar
गांव का घर
गांव का घर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कूड़े के ढेर में
कूड़े के ढेर में
Dr fauzia Naseem shad
खुला पत्र ईश्वर के नाम
खुला पत्र ईश्वर के नाम
Karuna Bhalla
टिप्पणी
टिप्पणी
उमा झा
🍁🌹🖤🌹🍁
🍁🌹🖤🌹🍁
शेखर सिंह
खुद देख सको देखो ये हाल तुम्हारे हैं।
खुद देख सको देखो ये हाल तुम्हारे हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
एक बेवफा का प्यार है आज भी दिल में मेरे
VINOD CHAUHAN
राहों में
राहों में
हिमांशु Kulshrestha
हिंदी हमारी मातृभाषा --
हिंदी हमारी मातृभाषा --
Seema Garg
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
पा रही भव्यता अवधपुरी उत्सव मन रहा अनोखा है।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
क्या छिपा रहे हो
क्या छिपा रहे हो
Ritu Asooja
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
मां ने जब से लिख दिया, जीवन पथ का गीत।
Suryakant Dwivedi
माँ -एक अहसास
माँ -एक अहसास
शशि कांत श्रीवास्तव
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
या तो हम अतीत में जिएंगे या भविष्य में, वर्तमान का कुछ पता ह
Ravikesh Jha
एक-दूसरे के लिए
एक-दूसरे के लिए
Abhishek Rajhans
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
■ आज का क़तआ (मुक्तक)
*प्रणय*
Loading...