*आंखों में अश्क समाये हैं*
आंखों में अश्क समाये हैं
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आंखों में अश्क समाये हैं,
जब से हुए वो पराये हैं।
दिल से कभी गए दूर नहीं,
भूले से भी नहीं भुलाये हैं।
पलभर किया एतबार नहीं,
सारे वादे किए निभाये हैं।
तन मन खाई चोट गहरी,
सीने के ज़ख्म दिखाये हैं।
मनसीरत प्यार दुखदायी है,
नैनो ने आंसू खूब बहाये हैं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)