== आँसू ==
आंँसू
केवल आंखों से टपका नहीं है यह पानी।
इसकी हर बूंद कहती अपनी एक कहानी।।
यदि बालक की अंखियों से झरझर गिरे,
तो
ममता के प्यार भरे ह्रदय को चीरे।
यदि बहता विरहिणी के सजल नयन से,
तो
कह रहा होता है कुछ अपने सजन से।
यदि बरसाएं इसे दुल्हन की रोती आंखें,
तो
रुला रहीं होती हैं उसे मैके की मीठी यादें।
यदि टप से बरसा गरीब की आंखों से पानी,
तो
सुना रहा है उसके झंझावातों की कहानी।
यदि जल बरसाएं नेत्रों से कोई किसान ,
तो
वह करे दुआ वर्षा हो फले फूले धन धान।
यदि खुशी से गोरी के चक्षु प्याले भर आएं,
तो
समझ लो उसके प्रिय मितवा घर आए।
—–रंजना माथुर दिनांक 16/09/2017
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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