आँसुओं में रंग होता
2122 + 2122
आँसुओं में रंग होता
तू अगरचे संग होता
गर वफ़ा मिलती सभी को
कोई ना फिर तंग होता
जान जाता यार तुझको
यूँ न फिर मैं दंग होता
उम्रभर यदि साथ देते
रंग में क्यों भंग होता
दुःख छिपाकर यूँ न पीते
कुछ न फिर हुड़दंग होता
2122 + 2122
आँसुओं में रंग होता
तू अगरचे संग होता
गर वफ़ा मिलती सभी को
कोई ना फिर तंग होता
जान जाता यार तुझको
यूँ न फिर मैं दंग होता
उम्रभर यदि साथ देते
रंग में क्यों भंग होता
दुःख छिपाकर यूँ न पीते
कुछ न फिर हुड़दंग होता