आँख वाले अंधे
सबकुछ है जहान् में
कबूलनामे.. भक्त के
भक्तों के कहिन है.
सबकुछ है जहान् में.
पर वो नहीं है…..
मतलब खास है
वह अलग थलक है.
क्योंकि
वह ऐसा सोचता है,
वह परिवार में
समाज में
देश में
विश्व में अनोखा है.
और उसे मालूम तक नहीं.
वह ही झोल में है
सबकुछ ठीक है.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस