असल पीड़ा
असल पीड़ा
भरा है खेत पानी से
झुके हुए हैं पानी में
खेतीहर मजदूर
कर रहे हैं रोपाई
धान के पौधों की
रह-रह कर पीड़ा
होती होगी इनको
दुखती होगी कमर
इस सबके बावजूद
लगे रहते हैं पूरा दिन
कर देते हैं रोपाई
कई-कई एकड़ में
असल पीड़ा तो
होती होगी तब
जब जमींदार
देता है कम मजदूरी
या कर देता है मना
देने से मजदूरी
-विनोद सिल्ला©