असली खुबसूरती
कशिश उसूलों में होती है,
उम्रों में नहीं!
कशिश रूहों में होती है,
जिस्मों में नहीं!!
तुम समझ लो यह तो ठीक
वरना मेरा क्या!
कशिश सीरतों में होती है,
सूरतों में नहीं!!
Shekhar Chandra Mitra
#FeministPoetry
#TrueBeauty
कशिश उसूलों में होती है,
उम्रों में नहीं!
कशिश रूहों में होती है,
जिस्मों में नहीं!!
तुम समझ लो यह तो ठीक
वरना मेरा क्या!
कशिश सीरतों में होती है,
सूरतों में नहीं!!
Shekhar Chandra Mitra
#FeministPoetry
#TrueBeauty