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23 Sep 2021 · 1 min read

असली खुबसूरती

कशिश उसूलों में होती है,
उम्रों में नहीं!
कशिश रूहों में होती है,
जिस्मों में नहीं!!
तुम समझ लो यह तो ठीक
वरना मेरा क्या!
कशिश सीरतों में होती है,
सूरतों में नहीं!!
Shekhar Chandra Mitra
#FeministPoetry
#TrueBeauty

Language: Hindi
398 Views
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