Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Feb 2022 · 3 min read

अश्लीलता से मिट्टी में मिल रही गरिमा—————-

अश्लीलता से मिट्टी में मिल रही गरिमा—————-

वर दे वीणा वादिनी वर दे’ कविवर निराला की ये पंक्तियां वर्तमान में मां सरस्वती के पूजनोत्सव के परिप्रेक्ष्य में बेमानी लगती है। वैसे तो मां शारदे विद्या व ज्ञान देव कही जाती है और यही कारण है कि विद्यालयों, कोचिंग संस्थानों, छात्रावासों सहित अन्य जगहों पर विद्यार्थीगण धूमधाम से पूजा की व्यवस्था करते हैं। लेकिन आज कल पूजा स्थल पर धड़ल्ले से बज रहे अश्लील गानों ने विद्या की अधिष्ठात्री तथा विद्यार्थियों द्वारा की जा रही पूजा का अर्थ बदल दिया है। चारों ओर पूजा पंडालों में बिना किसी लाज शर्म के अश्लील व फूहड़ गीत बजाये जाते हैं। फलत: महिलाएं चाहकर भी पूजा पंडालों में प्रवेश नहीं करना चाहती है। मूर्ति विसर्जन के समय यह देखने को मिलता है कि युवक शराब के नशे में धूत अश्लील गानों पर डांस कर भद्दा मजाक करते हैं। अश्लील हरकत करने से भी बाज नहीं आते जिसे देखकर लोगों का सिर शर्म से झुक जाता है।
अश्लील नौटंकी प्रस्तुत कर भारतीय सभ्यता, संस्कृति व संस्कार को तार-तार कर दिया। पूजा के नाम पर वाहनों व दुकानदारों से जोर जबरदस्ती चंदा वसूलकर वेशर्मी प्रस्तुत कर रहे युवाओं को रोकने वाला कोई नही है। इस संदर्भ में बुजुर्गो का कहना है कि ज्ञान व विद्या की अधिष्ठात्री मां सरस्वती की पूजा भक्त ज्ञान व विद्या के वरदान के लिए करते हैं। लेकिन इस प्रकार की अश्लीलता का प्रदर्शन कर युवा हमारे संस्कृति पर चोट पहुंचा रहे हैं। अगर यही हाल रही तो आने वाले समय में पूजा व विधान की परंपरा ही समाप्त हो जाएगी।
एक समय था जब छात्रों का एक हिस्सा सरस्वती पूजा का आयोजन करता था , लेकिन समय के साथ पूजा – पाठ का प्रारूप भी बदल गया , अब हरेक चौक – चौराहों पर पूजा होता है बड़े – बड़े पंडालों में बड़ी – बड़ी मूर्तिया साथ मे 200 फीट वाला डीजे बाजा , जैसे लगता है कि पूजा पंडाल के आयोजकों पर भगवान का विशेष धयान हो गया हो । आज से 18 वर्ष पहले जब हम जाते है तो पिता जी कहते है सरस्वती पूजा हमलोग अपने स्कूल में मनाते थे , स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षक मिलकर पूजा करते थे और उस पूजा में स्कूली बच्चें उनका साथ देते थे , पहले पूजा धार्मिक अनुष्ठान के रूप में विधिवत किया जाता था । लेकिन समय के प्रारूप के साथ पूजा का प्रारूप भी बदलता जा रहा है , कल 16 फरवरी को सरस्वती पूजा है आज् से ही मूर्तियां लोग ले जा रहे है ,
लेकिन आश्चर्यजनक बात तो ये है कि ठेले पर रखी माँ सरस्वती की मूर्ति के समक्ष ही एक बड़ा सा साउंड बॉक्स भी रखा हुआ है बैटरी के साथ और उस साउंड बॉक्स से जो आवाज निकल रही है । उसके बारे में तो पूछिये मत ? विद्या की देवी माँ सरस्वती भी घुटन महसूस कर रही होंगी , सरस्वती मां का पूजन हमलोग विद्या प्राप्त करने के लिए करते है लेकिन ठेलों के सहारे माँ की प्रतिमाएं ले जाने वालों की बुद्धि भ्रष्ट हो गई है उन्हें नहीं मालूम कि माता सरस्वती की पूजन हम क्यो करते है ? सवाल ये खड़ा होता है कि क्या ये लोग जो सरस्वती माता के पूजन में अश्लीलता फैला रहे है । इन्हें समाज क्यो परवरिस दे रहा है , मुह में गुटखा खाये ठेले पर रखी प्रतिमाओं के साथ फूहड़ता से परिपूर्ण गीत , हमारी आस्थाओं पर एक गहरा घात है आखिर कौन निकलेगा हमे इस दलदल से ? और कैसे निकलेंगे हम ? भारतीय संस्कृति और सभ्यता को तार – तार करने वाले ऐसे लोगो के बारे में हम क्या कहेंगे ? सवाल ये है कि पूजा के नाम पर हम समाज में अश्लीलता को परोसने वालो को तवज्जो क्यो दे रहे , ये पूजा है या फिर पूजा के नाम पर अश्लील गीतों का मेला ? समाज मे ऐसे लोगो को प्रतिकार जरूरी है जो सामाजिक ढांचों व प्रारूपों को तार – तार कर अपने उत्सवों को मनावे , हमारे भारतीय संस्कृति में ऐसे पूजा का कोई महत्व नही .
#ravisinghbharati
#रविलेख
#भारतमाताकीजय
#वरदेविणा

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 339 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कट गई शाखें, कट गए पेड़
कट गई शाखें, कट गए पेड़
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
Maa pe likhne wale bhi hai
Maa pe likhne wale bhi hai
Ankita Patel
रिश्ते
रिश्ते
पूर्वार्थ
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
रोज गमों के प्याले पिलाने लगी ये जिंदगी लगता है अब गहरी नींद
कृष्णकांत गुर्जर
"चाँद-तारे"
Dr. Kishan tandon kranti
आख़िरी मुलाकात !
आख़िरी मुलाकात !
The_dk_poetry
दो पाटन की चक्की
दो पाटन की चक्की
Harminder Kaur
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*Author प्रणय प्रभात*
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
आँखों में ख्व़ाब होना , होता बुरा नहीं।।
Godambari Negi
तेवरी
तेवरी
कवि रमेशराज
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
हमने भी मौहब्बत में इन्तेक़ाम देखें हैं ।
Phool gufran
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
जेसे दूसरों को खुशी बांटने से खुशी मिलती है
shabina. Naaz
खंड 6
खंड 6
Rambali Mishra
मंजिल एक है
मंजिल एक है
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हिन्दी माई
हिन्दी माई
Sadanand Kumar
बस नेक इंसान का नाम
बस नेक इंसान का नाम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
सच्ची बकरीद
सच्ची बकरीद
Satish Srijan
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
शे’र/ MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
हसदेव बचाना है
हसदेव बचाना है
Jugesh Banjare
*बरगद (बाल कविता)*
*बरगद (बाल कविता)*
Ravi Prakash
Jeevan ka saar
Jeevan ka saar
Tushar Jagawat
" ज़ेल नईखे सरल "
Chunnu Lal Gupta
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
मेरी किस्मत को वो अच्छा मानता है
कवि दीपक बवेजा
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
3164.*पूर्णिका*
3164.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
खुद को तलाशना और तराशना
खुद को तलाशना और तराशना
Manoj Mahato
💐प्रेम कौतुक-480💐
💐प्रेम कौतुक-480💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रण प्रतापी
रण प्रतापी
Lokesh Singh
" प्यार के रंग" (मुक्तक छंद काव्य)
Pushpraj Anant
Loading...