Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Nov 2022 · 1 min read

अल्लादीन का चिराग़

ऊपर से सख्त है
लेकिन पत्थर नहीं है
फिर भी तुम्हें उसकी
जाने क्यों कद्र नहीं है

वो तो जान देता है तुम पर
बस तुमसे कह नहीं पाता
तुम ही हो संसार उसका
खुद के लिए जी नहीं पाता

न जाओ उसके गुस्से पर
वो तो दिखाने के लिए है बस
छुपा है उसके दिल में प्यार
एक बार देखने कोशिश करो बस

थोड़ा लेट हो जाते हो
घर पहुंचने में जब तुम
क्यों उसकी धड़कने बढ़ जाती है
क्या सोचते हो कभी तुम

मांगते हो कुछ भी उससे तुम
पूरी करता है न हर मांग तुम्हारी
खुद की इच्छाओं को मारकर
जरूरतें पूरी करता है बस हमारी

याद है उसका वो बचपन का कोट
जो आज भी कभी कभी पहनते है वो
क्यों नहीं बदला अभी तक उन्होंने कोट
सैलरी तो अच्छी खासी ले रहे हैं अभी भी वो

हमारे तो यार दोस्त है बहुत
उसका संसार तो हम ही है बस
करता है वो त्याग जीवनभर
त्याग का दूसरा नाम पिता है बस

पिता तो अल्लादीन का चिराग है
जो मांगते हैं उनसे, तुरंत मिल जाता है
है यही जीवन की सच्चाई यारों,
पिता के बिना जीवन हिल जाता है

पिता तो कवच होता है हमारा
कभी घायल होने नहीं देता हमको
जानता है नहीं रहेगा कवच हमेशा
थोड़ी सख्ती करके, कवच के
बिना लड़ने को तैयार करता है हमको।

Language: Hindi
16 Likes · 4 Comments · 1003 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
★
पूर्वार्थ
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
*आओ लौटें फिर चलें, बचपन के दिन संग(कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चल विजय पथ
चल विजय पथ
Satish Srijan
13-छन्न पकैया छन्न पकैया
13-छन्न पकैया छन्न पकैया
Ajay Kumar Vimal
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
लोग एक दूसरे को परखने में इतने व्यस्त हुए
ruby kumari
कुछ ख्वाब
कुछ ख्वाब
Rashmi Ratn
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
रामभक्त संकटमोचक जय हनुमान जय हनुमान
gurudeenverma198
सावन: मौसम- ए- इश्क़
सावन: मौसम- ए- इश्क़
Jyoti Khari
बाल कहानी- डर
बाल कहानी- डर
SHAMA PARVEEN
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
गीत// कितने महंगे बोल तुम्हारे !
Shiva Awasthi
वो सबके साथ आ रही थी
वो सबके साथ आ रही थी
Keshav kishor Kumar
चोट
चोट
आकांक्षा राय
देखा तुम्हें सामने
देखा तुम्हें सामने
Harminder Kaur
जुदाई - चंद अशआर
जुदाई - चंद अशआर
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
इक तेरे सिवा
इक तेरे सिवा
Dr.Pratibha Prakash
महोब्बत का खेल
महोब्बत का खेल
Anil chobisa
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
जिसने अस्मत बेचकर किस्मत बनाई हो,
Sanjay ' शून्य'
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
तेवरी में रागात्मक विस्तार +रमेशराज
कवि रमेशराज
Live in Present
Live in Present
Satbir Singh Sidhu
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
कोई टूटे तो उसे सजाना सीखो,कोई रूठे तो उसे मनाना सीखो,
Ranjeet kumar patre
बीते हुए दिनो का भुला न देना
बीते हुए दिनो का भुला न देना
Ram Krishan Rastogi
तलाशता हूँ -
तलाशता हूँ - "प्रणय यात्रा" के निशाँ  
Atul "Krishn"
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
बाल चुभे तो पत्नी बरसेगी बन गोला/आकर्षण से मार कांच का दिल है भामा
Pt. Brajesh Kumar Nayak
■ संदेश देतीं बांस की टोकरियाँ
■ संदेश देतीं बांस की टोकरियाँ
*Author प्रणय प्रभात*
2345.पूर्णिका
2345.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेरी पहली चाहत था तू
मेरी पहली चाहत था तू
Dr Manju Saini
"तोल के बोल"
Dr. Kishan tandon kranti
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
कुछ यथार्थ कुछ कल्पना कुछ अरूप कुछ रूप।
Mahendra Narayan
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
!!!! सबसे न्यारा पनियारा !!!!
जगदीश लववंशी
मिलन
मिलन
Bodhisatva kastooriya
Loading...