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16 Sep 2020 · 2 min read

अ से ज्ञ तक पढ़ लिख जाओ

अरे आदमी तुझे क्या हुआ,
आज बता क्यों है चकराया।
इतना पागलपन क्यों छाया।
ईटों के आवास बनाया।।
उर में क्यों तू बस न पाया।।
ऊधम तौबा हाय मचाया।।
ऋण ले लेकर फिर झुठलाया।।

एक बार क्या सोचा तूने।
ऐनक साफ किया क्या तूने।
ओछापन क्या छोड़ा तूने।
और स्वयं को समझा तूने।।
अं अंत साथ क्या ले जाओगे।
अ: अ: ह: ह: क्या हँस पाओगे।।

कर्म छोड़कर काम मे खोया।
खरी-खरी बातें सुन रोया।।
गम से फुर्सत कब पाओगे।
घमंड में ही मर जाओगे।।
ङ से क्या शुरू करोगे।।

चल कर कुछ आगे भी देखो।
छल बल छोड़ सत्य भी लेखो।।
जलन ईर्ष्या ठीक नहीं है ;
झगड़ा से मुख मोड़ विलेखो।।
ञ शब्द के बीच विशेखो।।

टर्र-टर्र क्यों बात-बात पर।
ठग बाजी करते क्यों दिन भर।
डर-डर क्यों जीते हो मर-मर।
ढकोसलों का छोड़ दे चक्कर।।
ण वर्ण का उच्चारण कर।।

तम से बाहर आओ निकलो।
थक जाओ तो थोड़ा रुक लो।।
दर्द दीन का अनुभव कर लो।
धर्म प्रेम का जरा समझ लो।
नकली-असली फर्क जान लो।।

पद का दुरुपयोग मत करना।
फर्ज सदा तुम पूरा करना।
बल बुद्धि का अहं न करना।।
भलीभांति तुम करो भलाई।
मत करना तुम कभी बुराई।।

यथा शक्ति दान कर जाओ।
रक्तदान सेवा कर पाओ।।
लक्ष्य मार्ग से नहीं भटकना।
वचन दिया तो नहीं बदलना।।
शक बीमारी मन मत रखना।
षडयंत्रों में कभी न फँसना।।

सदा सत्य का साथ निभाना।
हर हालत धीरज रख पाना।।
क्ष क्षमा शीलता उर रख ‘कौशल’;
त्र त्रस्त जीव को साहस देना।
ज्ञ ज्ञप्ति ज्ञान हासिल कर लेना।।

अ आ इ ई स्वर हिन्दी के
क ख ग व्यंजन पहचानो।

अ से ज्ञ तक पढ़ना लिखना
कितना सुंदर अद्भूत जानो।।

अतिशयोक्ति इसमे न कोई
हिन्दी भाषाओं की रानी ;

‘गर हम पढ़ लिख बोलें हिन्दी
बने विश्व की भाषा मानो।।

‘कौशल’

Language: Hindi
6 Likes · 3 Comments · 611 Views
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