अराजकता बंद करो ..
तोड़ फोड़,आगजनी कर ,
राष्ट्रीय संपत्ति का नुकसान करना ।
क्या शोभा देता है तुम्हें ,
इस तरह राष्ट्र का नुकसान करना ।
राष्ट्र का क्या उसके साथ ,
यह जनता की ही है मेहनत की कमाई ,
जो सरकार के पास” कर” रूप में आई ।
तुम निठल्ले ,निकम्मे , मंदबुद्धि लोग ,
जो स्वार्थ वश इसे नफरत की आग में यूं ही झोंक देते,
शर्म नहीं आती तुम्हें! मालूम है हमें ,
इनके पैसे कौन से तुम्हारी जेब से हैं जाते।
और तुम्हें भड़काने वाले दुष्ट विपक्षी दल ,
तुम्हें भड़का के उसी आग में अपना घी डालते।
अरे तुम क्या बनोगे सैनिक !
तुम तो इस महान राष्ट्र सेवा के काबिल ही नहीं हो ।
तुम्हारे जैसे नाराधाम तो देशद्रोही ही कहलाते।
नहीं मंजूर यदि सरकार का फैंसला तो ,
उसे स्वीकार ही मत करो ।
या अपनी बात शांतिपूर्वक रखो ।
मगर खुदा के वास्ते मेरे देश की ,
हम भारतीयों की कमाई का सत्यानाश तो मत करो ।
गर तुम बना नहीं सकते ,
तो तोड़ने का भी तुम्हें हक नहीं।
तुम्हारे जैसे अराजकवादी को ,
इंसान कहलाने का कोई हक नहीं ।