अरमान
अरमान तेरे अकेले के नहीं,
सब पर पड रहा दबाव,
ईंट कंगूरे की तू है बना,
हमारे दबने से तू है सजा.
हमारा जिक्र तक नहीं,
नींव में कब से दबा सजा.
इस इमारत के सजने में.
अरमान तेरे अकेले के नहीं,
सब पर पड रहा दबाव,
ईंट कंगूरे की तू है बना,
हमारे दबने से तू है सजा.
हमारा जिक्र तक नहीं,
नींव में कब से दबा सजा.
इस इमारत के सजने में.