Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2024 · 1 min read

अमृत

अमृत (वर्ण पिरामिड )

हो
मन
अमृत
सागर सा
निकले प्रिय
भाव रतन सा
अनुपम शिव सा।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 66 Views

You may also like these posts

गंभीर बात सहजता से
गंभीर बात सहजता से
विनोद सिल्ला
इजहार बने
इजहार बने
Kunal Kanth
लोगो समझना चाहिए
लोगो समझना चाहिए
शेखर सिंह
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
मैं कविता लिखता हूँ तुम कविता बनाती हो
Awadhesh Singh
हैप्पी न्यू ईयर 2024
हैप्पी न्यू ईयर 2024
Shivkumar Bilagrami
Our ability to stay focused on the intellectual or creative
Our ability to stay focused on the intellectual or creative
पूर्वार्थ
* निशाने आपके *
* निशाने आपके *
surenderpal vaidya
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
त्रिभंगी छंद
त्रिभंगी छंद
Subhash Singhai
आदमियों की जीवन कहानी
आदमियों की जीवन कहानी
Rituraj shivem verma
अग्नि परीक्षा!
अग्नि परीक्षा!
Pradeep Shoree
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
मैं झुका नहीं मैं गिरा नहीं
VINOD CHAUHAN
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
साक्षात्कार- पीयूष गोयल दर्पण छवि लेखक
Piyush Goel
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
अनर्गल गीत नहीं गाती हूं!
Mukta Rashmi
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
यदि कोई आपकी कॉल को एक बार में नहीं उठाता है तब आप यह समझिए
Rj Anand Prajapati
दुविधा
दुविधा
उमा झा
मां शैलपुत्री
मां शैलपुत्री
Mukesh Kumar Sonkar
आज तुम्हें फिर...
आज तुम्हें फिर...
डॉ.सीमा अग्रवाल
" सीमा-रेखा "
Dr. Kishan tandon kranti
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
हमको तू ऐसे नहीं भूला, बसकर तू परदेश में
gurudeenverma198
- उम्मीद अभी भी है -
- उम्मीद अभी भी है -
bharat gehlot
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
ज़िन्दगी वो युद्ध है,
Saransh Singh 'Priyam'
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
*अखबारों में झूठ और सच, सबको सौ-सौ बार मिला (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
3941.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
विजया दशमी की हार्दिक बधाई शुभकामनाएं 🎉🙏
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हस्ती
हस्ती
seema sharma
नूतन रूप धर के तो देख !
नूतन रूप धर के तो देख !
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ख्वाब रूठे हैं मगर हौसले अभी जिंदा है हम तो वो शख्स हैं जिसस
ललकार भारद्वाज
राम का न्याय
राम का न्याय
Shashi Mahajan
सुनो न...
सुनो न...
हिमांशु Kulshrestha
Loading...