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11 Jun 2024 · 1 min read

अमृत

अमृत (वर्ण पिरामिड )

हो
मन
अमृत
सागर सा
निकले प्रिय
भाव रतन सा
अनुपम शिव सा।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 48 Views
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