Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2023 · 1 min read

अमृता

अमृता तुम,अमृत कभी बन ही नहीं पाई,
इस समाज को तुम ज़हर ही लगती रहीं।
अपनी शर्तों पर जीने वाली हर औरत
हर औरत जो मोहब्बत करती है ,चरित्रहीन है।
बेबाक,प्रखर ,और औरतों पर लिखने वाली।
बंटवारे के दर्द को लिखने वाली,नरम दिल कवयित्री
पुरुष प्रधान समाज को आईना दिखाती क़लम
ताउम्र वफ़ा निभाई उसने, साहिर के इश्क में
सुलगती रही ,सिगरेट के जूठे टुकड़े की तरह।
लेकिन आज तू बहुतों की महबूब शायरा है
लोग नहीं चाहते उन के घर अमृता पैदा हो।……..
एक जूठी सिगरेट!!!!!!!

सुरिंदर कौर

Language: Hindi
2 Likes · 136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Surinder blackpen
View all
You may also like:
Shayari
Shayari
Sahil Ahmad
संतोष
संतोष
Manju Singh
बो रही हूं खाब
बो रही हूं खाब
Surinder blackpen
गुरुकुल भारत
गुरुकुल भारत
Sanjay ' शून्य'
काव्य का आस्वादन
काव्य का आस्वादन
कवि रमेशराज
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
*झूला सावन मस्तियॉं, काले मेघ फुहार (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
मोहब्बत आज भी अधूरी है….!!!!
Jyoti Khari
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ताउम्र लाल रंग से वास्ता रहा मेरा
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
शर्तों पे कोई रिश्ता
शर्तों पे कोई रिश्ता
Dr fauzia Naseem shad
"Radiance of Purity"
Manisha Manjari
जिंदगी में संतुलन खुद की कमियों को समझने से बना रहता है,
जिंदगी में संतुलन खुद की कमियों को समझने से बना रहता है,
Seema gupta,Alwar
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
स्वयं की खोज कैसे करें
स्वयं की खोज कैसे करें
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
होने नहीं दूंगा साथी
होने नहीं दूंगा साथी
gurudeenverma198
सावन‌ आया
सावन‌ आया
Neeraj Agarwal
जब सांझ ढले तुम आती हो
जब सांझ ढले तुम आती हो
Dilip Kumar
दवा के ठाँव में
दवा के ठाँव में
Dr. Sunita Singh
"आवारा-मिजाजी"
Dr. Kishan tandon kranti
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
बिछड़ कर तू भी जिंदा है
डॉ. दीपक मेवाती
चालवाजी से तो अच्छा है
चालवाजी से तो अच्छा है
Satish Srijan
सविधान दिवस
सविधान दिवस
Ranjeet kumar patre
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
मौन पर एक नजरिया / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
रंजीत शुक्ल
रंजीत शुक्ल
Ranjeet Kumar Shukla
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
नए साल के ज़श्न को हुए सभी तैयार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
खुला आसमान
खुला आसमान
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जो हैं आज अपनें..
जो हैं आज अपनें..
Srishty Bansal
■ एक सलाह...
■ एक सलाह...
*Author प्रणय प्रभात*
अनंत की ओर _ 1 of 25
अनंत की ओर _ 1 of 25
Kshma Urmila
जो बनना चाहते हो
जो बनना चाहते हो
dks.lhp
2962.*पूर्णिका*
2962.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...