Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2018 · 1 min read

अमावस की रात

अमावस की रात

बताओ ऐ कवि!
तूने पूनम की रात पर बहुत लिखा
चाँदनी और चाँद पर तो खूब लिखा
पर कभी क्या अमावस पर लिखा?
कहोगे! आखिर क्या खास है इसमें?
भयानक!अंधेरी! काली है ये रात!
पढ़ जो पाते दिल को
तो होती ये तेरे बस की बात।
सुनो!
मैंने है लिखा!
कितनी तन्हा!कितनी अकेली
काली पर बड़ी निराली है ये रात।
दाग़,बेदाग़,रंग-बदरंग
पाप-दोष, हर ढंग सबका
अपने दामन में छुपा लेती है ये रात।
एक चाँद का ही तो होता
अधिकार, पूनम की रात
पर यह तो अपने संग
लाती असंख्य तारों की बारात।
जीव जंतु छेड़कर मधुर तान
देते हैं मानो उसको सौगात।
अंधकार है तो क्या गम है
दिल मे प्यार क्या कम है!
साधक के साधना की
होती अकेली यह रात।
बड़ी निराली,दिलवाली
काली अमावस की रात।
©पंकज प्रियम
प्रेमांजली page no.52

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 824 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सेना का एक सिपाही हूँ
सेना का एक सिपाही हूँ
Satish Srijan
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
चलो क्षण भर भुला जग को, हरी इस घास में बैठें।
डॉ.सीमा अग्रवाल
चूड़ियां
चूड़ियां
Madhavi Srivastava
बातों का तो मत पूछो
बातों का तो मत पूछो
Rashmi Ranjan
ऐश ट्रे   ...
ऐश ट्रे ...
sushil sarna
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार प्रत्येक महीने में शुक्ल पक्ष की
Shashi kala vyas
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
Neelam Sharma
#drarunkumarshastei
#drarunkumarshastei
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"फासले उम्र के" ‌‌
Chunnu Lal Gupta
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
किसी ने सही ही कहा है कि आप जितनी आगे वाले कि इज्ज़त करोंगे व
Shankar N aanjna
बाल कविता: मदारी का खेल
बाल कविता: मदारी का खेल
Rajesh Kumar Arjun
मैं तो महज जीवन हूँ
मैं तो महज जीवन हूँ
VINOD CHAUHAN
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
मौसम जब भी बहुत सर्द होता है
Ajay Mishra
புறப்பாடு
புறப்பாடு
Shyam Sundar Subramanian
■अंदेशा■
■अंदेशा■
*Author प्रणय प्रभात*
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
रमेशराज के कुण्डलिया छंद
कवि रमेशराज
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
मेहनत के दिन हमको , बड़े याद आते हैं !
Kuldeep mishra (KD)
'ਸਾਜਿਸ਼'
'ਸਾਜਿਸ਼'
विनोद सिल्ला
जीवन की जर्जर कश्ती है,तुम दरिया हो पार लगाओ...
जीवन की जर्जर कश्ती है,तुम दरिया हो पार लगाओ...
दीपक झा रुद्रा
Pyasa ke dohe (vishwas)
Pyasa ke dohe (vishwas)
Vijay kumar Pandey
बिना रुके रहो, चलते रहो,
बिना रुके रहो, चलते रहो,
Kanchan sarda Malu
हौंसले को समेट कर मेघ बन
हौंसले को समेट कर मेघ बन
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कैसे गाएँ गीत मल्हार
कैसे गाएँ गीत मल्हार
संजय कुमार संजू
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
* सोमनाथ के नव-निर्माता ! तुमको कोटि प्रणाम है 【गीत】*
Ravi Prakash
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
This generation was full of gorgeous smiles and sorrowful ey
पूर्वार्थ
जग जननी है जीवनदायनी
जग जननी है जीवनदायनी
Buddha Prakash
आत्म अवलोकन कविता
आत्म अवलोकन कविता
कार्तिक नितिन शर्मा
अधूरी हसरतें
अधूरी हसरतें
Surinder blackpen
अच्छे किरदार की
अच्छे किरदार की
Dr fauzia Naseem shad
Loading...