अमत्ता घनाक्षरी
अमत्ता घनाक्षरी
8,8,8,8
पवन सुखद चल,
बरस जलद जल,
सरस हृदय पर,
पल पल सुख भर ।
नमन शिवम कर,
उर शिव मह धर,
निशि दिन दुख हर,
भव चल अब तर।
नव गढ़ पथ सत
जहर उगल मत
मधुर वचन कर
पग पग शुभ जर ।
सीमा शर्मा ‘अंशु’
अमत्ता घनाक्षरी
8,8,8,8
पवन सुखद चल,
बरस जलद जल,
सरस हृदय पर,
पल पल सुख भर ।
नमन शिवम कर,
उर शिव मह धर,
निशि दिन दुख हर,
भव चल अब तर।
नव गढ़ पथ सत
जहर उगल मत
मधुर वचन कर
पग पग शुभ जर ।
सीमा शर्मा ‘अंशु’