“ अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा”
डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
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कहते हैं कि सब ,
कुछ बदल गया है !
वो बातें अब न रहीं ,
जमाना आगे निकाल गया है !!
सोच भी बदली ,
लिबास भी बदला !
फ़ितरत बदल गयी
भूगोल भी बदल गया !!
हम जहाँ एक दूसरे ,
को जानते थे !
आत्मीयता का बोध ,
को पहचानते थे !!
वहाँ अब दूरियाँ ,
की दीवार बढ़ने लगी !
रिस्ते महज़ कहते हैं ,
खाइयाँ बड़ी बनने लगी !!
पहचान कर सदा ,
हम अनजान बनते हैं !
दो बोल मीठे हम ,
कभी नहीं बोलते हैं !!
भाषा की मर्यादा श्रेष्ठ ,
शीर्ष पर रहकर भूल गए !
संसद के पवित्र मंदिर को ,
शर्मसार सारे कर गए !!
पर यह कहने की बात है ,
अभी भी कुछ नहीं बदला !
जरा सी सोचने की है हमें ,
अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा !!
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डॉ लक्ष्मण झा” परिमल ”
साउंड हेल्थ क्लिनिक
एस ० पी ० कॉलेज रोड
दुमका
झारखंड
भारत
08. 02. 2022.