अभिव्यक्ति के ख़तरे
सच के लिए
सत्ता से उलझना
ठीक नहीं
अब सेहत के लिए!
कोई नहीं
खड़ा हो पाएगा
हमारे साथ
हिफाज़त के लिए!
बखूबी यह
जानते हुए भी
हमें लड़ना है
इंसानियत के लिए!
हम खुद ही
जिम्मेदार होंगे
आने वाली
मुसीबत के लिए!
Shekhar Chandra Mitra