अभिनंदन नव वर्ष का
गमन को
उद्यत है
वर्ष-2018
देखो नवागन्तुक
वर्ष-2019
कर रहा है प्रतीक्षा
उसका स्थान ग्रहण करने
के लिए
जाते-जाते
शब्द बीते वर्ष के
“मेरे थे कई रंग और बू
कहीं गम का धुआं
तो कहीं
खुशियों की खुशबू ”
बावजूद इसके
वह नवागन्तुक को
देने को आतुर है बधाईयाँ
नव संकल्पों, नव विचार, नव स्वप्नों
नई अवधारणाओं की
तो आइये करें विदा
हम वर्ष-2018 को
खुशी – खुशी
उसकी अच्छी-बुरी
यादों के साथ
और करें भव्य अभिवादन,
वन्दन और स्वागत
नवागत का
कुछ खट्टा कुछ मीठा
बीत गया विगत वर्ष
कुछ खट्टी यादें
कुछ कड़वे अनुभव संग
बीत गया
सन् 2018 का वर्ष
किसी पहलू पर हम हुए निराश तो कहीं मिला
अतीव हर्ष।
समय की देहरी पर
खड़ा नव वर्ष है
चहुंओर खुशियाँ हैं उमंगें हैं हर्ष है।
स्वागतम्! स्वागतम्!!
स्वागतम्!!!
नव वर्ष-2019 के अभिनंदन को आतुर
शीर्षक पटल पर खड़े हम।
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रंजना माथुर
अजमेर (राजस्थान )
मेरी स्व रचित व मौलिक रचना
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