Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Sep 2024 · 1 min read

अब

अब

आओ अब कुछ तो हो जाए।
स्वर्गिक जगती में खो जाएं।।
यह जीवन की मोहक चाहत।
इससे मन असीम सुख पावत।।

तुम्हीं प्रेम प्रिय अनुपम लेखा।
मधुर हृदय आकाश सुलेखा।।
तुम बिन जीवन सदा अधूरा।
प्रीति रसायन दे कर पूरा।।

हिन्दी काव्य रत्न डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 40 Views

You may also like these posts

करी लाडू
करी लाडू
Ranjeet kumar patre
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
फ़ितरत को ज़माने की, ये क्या हो गया है
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरा तकिया
मेरा तकिया
Madhu Shah
Success Story-1
Success Story-1
Piyush Goel
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
ग़ज़ल _ तुम नींद में खोये हो ।
Neelofar Khan
दिल कहे..!
दिल कहे..!
Niharika Verma
ईश्वर के प्रतिरूप
ईश्वर के प्रतिरूप
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
4162.💐 *पूर्णिका* 💐
4162.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
शायरी की राह
शायरी की राह
Chitra Bisht
मां महागौरी
मां महागौरी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
आगे का सफर
आगे का सफर
Shashi Mahajan
"बखान"
Dr. Kishan tandon kranti
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
मिलना तो होगा नही अब ताउम्र
Dr Manju Saini
” आसान नही होता है “
” आसान नही होता है “
ज्योति
मनवा मन की कब सुने,
मनवा मन की कब सुने,
sushil sarna
बेगूसराय की हार--
बेगूसराय की हार--
उमा झा
अब जुदा होकर...
अब जुदा होकर...
Vivek Pandey
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
~~~~~~~~~~~~~~
~~~~~~~~~~~~~~
Hanuman Ramawat
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
सूरत से यूं बरसते हैं अंगारें कि जैसे..
Shweta Soni
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
कुछ लोग जाहिर नहीं करते
शेखर सिंह
आज की औरत
आज की औरत
Shekhar Chandra Mitra
Good things fall apart so that the best can come together.
Good things fall apart so that the best can come together.
Manisha Manjari
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
परेशान देख भी चुपचाप रह लेती है
Keshav kishor Kumar
We want justice ♎⚖️
We want justice ♎⚖️
Prachi Verma
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
गुनाह लगता है किसी और को देखना
गुनाह लगता है किसी और को देखना
Trishika S Dhara
आज  का  युग  बेईमान  है,
आज का युग बेईमान है,
Ajit Kumar "Karn"
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
*होली के रंग ,हाथी दादा के संग*
Ravi Prakash
Loading...