Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2022 · 1 min read

*अब साँठगाँठ से खाते हैं 【व्यंग्य-गीतिका】*

अब साँठगाँठ से खाते हैं 【व्यंग्य-गीतिका】
■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■■
(1)
सुनते हैं नेता-अफसर अब साँठगाँठ से खाते हैं
नजर सभी यह भोले-भाले ऊपर से यों आते हैं
(2)
अधिकारी जी के दलाल होते हैं नेता-छुटभैये
मेलजोल-रुतबा अपना ग्राहक को यह बतलाते हैं
(3)
पकड़े जाओ लेते रिश्वत तो बिल्कुल मत घबराना
जो पकड़े उसको दो रिश्वत छूट इस तरह जाते हैं
(4)
कुछ अधिकारी मना करेंगे पहले तो ,फिर खा लेंगे
रिश्वत के रुपए वेतन से ज्यादा सबको भाते हैं
(5)
कुछ की लार टपकती ही रहती है रिश्वत खाने को
रेट-लिस्ट रिश्वत की ऐसे अधिकारी टँगवाते हैं
(6)
रिश्तेदारी के चक्कर में बंटाधार नहीं करना
काम उसी का होता है जो रिश्वत नगद चढ़ाते हैं
(7)
बात करेंगे जो अधिकारी तन के नश्वर होने की
जेबें रिश्वत वाली अक्सर तीन-तीन सिलवाते हैं
—————————————————-
रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

231 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
चॉकलेट
चॉकलेट
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
तेरे बिना
तेरे बिना
DR ARUN KUMAR SHASTRI
तानाशाहों का हश्र
तानाशाहों का हश्र
Shekhar Chandra Mitra
*जमाना बदल गया (छोटी कहानी)*
*जमाना बदल गया (छोटी कहानी)*
Ravi Prakash
" बंध खोले जाए मौसम "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
💐प्रेम कौतुक-278💐
💐प्रेम कौतुक-278💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मैं भी चापलूस बन गया (हास्य कविता)
मैं भी चापलूस बन गया (हास्य कविता)
Dr. Kishan Karigar
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
शिलालेख पर लिख दिए, हमने भी कुछ नाम।
Suryakant Dwivedi
लहरे बहुत है दिल मे दबा कर रखा है , काश ! जाना होता है, समुन
लहरे बहुत है दिल मे दबा कर रखा है , काश ! जाना होता है, समुन
Rohit yadav
अदरक वाला स्वाद
अदरक वाला स्वाद
दुष्यन्त 'बाबा'
2675.*पूर्णिका*
2675.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जब  सारे  दरवाजे  बंद  हो  जाते  है....
जब सारे दरवाजे बंद हो जाते है....
shabina. Naaz
सौगंध
सौगंध
Shriyansh Gupta
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
चाहत 'तुम्हारा' नाम है, पर तुम्हें पाने की 'तमन्ना' मुझे हो
Sukoon
सत्य खोज लिया है जब
सत्य खोज लिया है जब
Buddha Prakash
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
खुद के व्यक्तिगत अस्तित्व को आर्थिक सामाजिक तौर पर मजबूत बना
पूर्वार्थ
!...............!
!...............!
शेखर सिंह
#सुप्रभातम
#सुप्रभातम
*Author प्रणय प्रभात*
🏞️प्रकृति 🏞️
🏞️प्रकृति 🏞️
Vandna thakur
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
सदा ज्ञान जल तैर रूप माया का जाया
Pt. Brajesh Kumar Nayak
"फ़िर से आज तुम्हारी याद आई"
Lohit Tamta
"औरत”
Dr Meenu Poonia
इस नदी की जवानी गिरवी है
इस नदी की जवानी गिरवी है
Sandeep Thakur
محبّت عام کرتا ہوں
محبّت عام کرتا ہوں
अरशद रसूल बदायूंनी
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
कारगिल युद्ध फतह दिवस
कारगिल युद्ध फतह दिवस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कमाल करते हैं वो भी हमसे ये अनोखा रिश्ता जोड़ कर,
कमाल करते हैं वो भी हमसे ये अनोखा रिश्ता जोड़ कर,
Vishal babu (vishu)
मन का मैल नहीं धुले
मन का मैल नहीं धुले
Paras Nath Jha
Loading...