अब कहो आगे कहां चलना है
यहां तक तो आ गये
अब कहो
आगे कहां चलना है
कच्ची है यह पगडंडियां
खेतों की
दलदली है मिट्टी
इन खुले हरे मैदानों की
इनपर से होकर
आसमान तक या
पहाड़ियों के पीछे तलहटी में बसे
एक छोटे से गांव की
गोद में उतरना है
पैदल चलें या
हो जायें अपने दो पहिये वाली गाड़ी पर
सवार और
उड़ान भरें अपनी सपनों की
मंजिल की
एक बार पहुंच तो लें
उस स्थान पर
जहां पहुंचना चाहते हैं
फिर थोड़ा सुस्तायेंगे
साथ में लाये सामान को
किसी कोने में टिकायेंगे
पांवों को थोड़ा सा फैलायेंगे
खुद को जरा सा आराम देकर
फिर
ढेर सारी बातें करेंगे
कुछ अनकही
कुछ अनसुनी
अब तक के तय सफर को भी
याद करेंगे
आगे की यात्रा कैसे करनी है
पूरी
यह निर्णय लेंगे
कुछ चटपटा
कुछ मसालेदार
कुछ जायकेदार
हमारी ही तरह
हमारी चिरपीरि बातों
की तरह
एक गर्मागर्म
कुल्हड़ में परोसी
चाय के साथ
ठंडे ठंडे मौसम में गर्माने के लिए
गट गट
सुड़क सुड़क कर
मजे मजे से पियेंगे।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001