“अबकी जाड़ा कबले जाई “
पंडित जी खोली ना पतारा ,
हमका तनिका दिही बताई,
अबकी जाड़ा कब ले जाई?
1- पखवारे से परत बा पाला ,
अगियो नाही तनिक बुझाला ।
कब्बो पुरुवा कब्बो पछुआ,
कब्बो बहे लगे चौआई ।
अबकी जाड़ा कबले जाई?
2- हउआ में बा बरफ सनाइल,
सन सन भीतरी जात समाइल।
सुरूजो के सेकले बा अबकी,
सागरो गर्मी गइल भुलाई।
अबकी जाड़ा कबले जाई?
3 – हऊ देख मुनियां के दादी,
जाताड़ी संक्रांति नहाए।
खेदनी के माई रोवत बा
काटि दिहले बा मूस रजाई।
अब की जाड़ा कबले जाई?
4- एहि जड़वे में बेग उठा के,
पतरुआ चलल बम्बई कमाए।
रघुआ पीके दारु आइल,
धरती पर बा जात लोटाई।
अब की जाड़ा कबले जाई?
5-खोखत बाने अकलु काका,
घुरहू के बोखार बुझाता ।
बुढवन के टपकवाले जाता
सूनते नइखे कवनो दवाई।
अबकी जाड़ा कब ले जाई?
– आर के भट्ट “बावरा ”
08 जनवरी 2023