अप्रतिम राष्ट्रसेवक
राष्ट्रपिता गाँधी जी बिहार सत्याग्रह से देशव्याप्य हुए । ध्यातव्य है, गाँधी जी को बिहार लाने का श्रेय चंपारण के किसान राजकुमार शुक्ल को जाता है । तारीख 23 अगस्त उनकी जन्म-जयंती है।
बिहार के तीन दिवंगत विभूतियों के नामों को भारत रत्न अलंकरण के लिए प्रस्तावित व प्रेषित किया है, जिनमें वंचित, शोषित, पिछड़े वर्गों के मसीहा व जननायक कर्पूरी ठाकुर, वहीं काम और जुनून के पक्के तथा 20 सालों तक पहाड़ काटकर रास्ता बनानेवाले दशरथ माँझी है।
सर्वप्रिय गाँधी जी को सत्याग्रह और असली आज़ादी के आंदोलन दिखाने के लिए उन्हें बिहार लानेवाले चम्पारण के अंग्रेजी नीतियों से त्रस्त किसान राजकुमार शुक्ल के नाम भारत रत्न प्राप्तार्थ सूची में शामिल हैं, किन्तु केवल यही तीन नाम ही बिहार से भारत रत्न के लिए क्यों ?
बिहार में कई शूरमायें हो गुजरे हैं, जैसे- महान संत महर्षि मेंहीं, बाबा नागार्जुन, राष्ट्रकवि दिनकर, भोला पासवान शास्त्री, ललित नारायण मिश्र इत्यादि भारत रत्न अलंकरण के लिए सर्वोत्तम नाम हैं। इसके साथ ही कई जीवित किंवदंती भी हैं। अपेक्षा है, भारत के इस सबसे बड़े अलंकरण के लिए देश के प्रत्येक भागों से राष्ट्रसेवकों के नाम चुने जाएंगे !