” अपनों की याद “
डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
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यादें आती हैं
लोगों की
जब हम दुःख
से घिर जाते हैं
लोगों के
मरहम से सारे
काले बादल
छट जाते हैं !
दुख सुख हैं
जीवन के पहियें
इनको लेकर
चलना हैं !
दुःख में
धीरज साथ
रहे तो
सुख में
पार उतरना हैं !!
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डॉ लक्ष्मण झा ” परिमल ”
दुमका