Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Feb 2022 · 1 min read

अपने दमखम ही चलता जा

ज़िंदगी के किसी मोड़ पे कौन कब साथ छोड़ जाए?
मुसीबतों मे ना कोई हमदम रह जाए?

तू अपने दमखम ही चलता जा,
की कोई तेरी उम्मीदों का साथ ना छोड़ पाए?
©शायर-किशन कारीगर

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan Karigar
View all
You may also like:
दोहा त्रयी. . . शंका
दोहा त्रयी. . . शंका
sushil sarna
अनजान राहें अनजान पथिक
अनजान राहें अनजान पथिक
SATPAL CHAUHAN
सेर
सेर
सूरज राम आदित्य (Suraj Ram Aditya)
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
माना मैं उसके घर नहीं जाता,
डी. के. निवातिया
*बूढ़े होने पर भी अपनी बुद्धि को तेज रखना चाहते हैं तो अपनी
*बूढ़े होने पर भी अपनी बुद्धि को तेज रखना चाहते हैं तो अपनी
Shashi kala vyas
हौसला
हौसला
डॉ. शिव लहरी
माँ
माँ
Er. Sanjay Shrivastava
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
“ दुमका संस्मरण ” ( विजली ) (1958)
DrLakshman Jha Parimal
प्रतिबद्ध मन
प्रतिबद्ध मन
लक्ष्मी सिंह
*छंद--भुजंग प्रयात
*छंद--भुजंग प्रयात
Poonam gupta
#justareminderekabodhbalak
#justareminderekabodhbalak
DR ARUN KUMAR SHASTRI
"खामोशी की गहराईयों में"
Pushpraj Anant
शेर
शेर
Monika Verma
3260.*पूर्णिका*
3260.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
"पवित्र पौधा"
Dr. Kishan tandon kranti
अहमियत हमसे
अहमियत हमसे
Dr fauzia Naseem shad
समाज को जगाने का काम करते रहो,
समाज को जगाने का काम करते रहो,
नेताम आर सी
हर बात हर शै
हर बात हर शै
हिमांशु Kulshrestha
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
■ फूट गए मुंह सारों के। किनारा कर रहे हैं नपुंसक। निंदा का स
*Author प्रणय प्रभात*
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
श्रीराम गिलहरी संवाद अष्टपदी
SHAILESH MOHAN
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
तुकबन्दी अब छोड़ो कविवर,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
Mahesh Jain 'Jyoti'
इंसानियत
इंसानियत
Neeraj Agarwal
शायर तो नहीं
शायर तो नहीं
Bodhisatva kastooriya
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
*घुटन बहुत है बरसो बादल(हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
प्रतीक्षा
प्रतीक्षा
Shaily
खुशबू चमन की।
खुशबू चमन की।
Taj Mohammad
"You can still be the person you want to be, my love. Mistak
पूर्वार्थ
6. शहर पुराना
6. शहर पुराना
Rajeev Dutta
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
मेरी हथेली पर, तुम्हारी उंगलियों के दस्तख़त
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
Loading...