अपनी नींदें
अपनी नींदें खराब कर बैठे।
जो हक़ीक़त को ख्वाब कर बैठे ॥
चंद लम्हे क्यों आये हिस्से में ।
जिन्दगी से हिसाब कर बैठे ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
अपनी नींदें खराब कर बैठे।
जो हक़ीक़त को ख्वाब कर बैठे ॥
चंद लम्हे क्यों आये हिस्से में ।
जिन्दगी से हिसाब कर बैठे ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद