अनुभूति
प्रेम रोग.
हृदय शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है,
प्रवाह और प्रभाव अनूठे.
प्रेम जीवन का अंगीकार.
हृदय में उत्पन्न ज्वार उसे बिमार नहीं होने देते.
प्रेम ही संचरण, तर्पण, शरीर पर प्रतिध्वनित,
भाव विभौर, सभी इंद्रियाँ प्रसादत्मेन.
अनूभूति का देखने वाला है
कोई
वही हो तुम.
डॉक्टर महेन्द्र सिंह हंस