अथाह प्रेम
अथाह प्रेम
मेरे घर के आगे
बैठा रहता है
एक लाल कुत्ता
जो रोटी के
एक टुकड़े के बदले
लुटाता है हम पर
अथाह प्रेम
इस स्वार्थ के युग में
-विनोद सिल्ला©
अथाह प्रेम
मेरे घर के आगे
बैठा रहता है
एक लाल कुत्ता
जो रोटी के
एक टुकड़े के बदले
लुटाता है हम पर
अथाह प्रेम
इस स्वार्थ के युग में
-विनोद सिल्ला©