अता कर दे सजा मालिक
अता कर दे सजा मालिक मुझे मेरे गुनाहों की
मिटा दे तू निशां मेरा बना दे धूल राहों की
मुझे आजाद कर दे अब भला घुट-घुट जिए कबतक
असर कुछ हो अगर तुझ पर खुदा मेरी इन आहों की
– ‘अश्क़’
अता कर दे सजा मालिक मुझे मेरे गुनाहों की
मिटा दे तू निशां मेरा बना दे धूल राहों की
मुझे आजाद कर दे अब भला घुट-घुट जिए कबतक
असर कुछ हो अगर तुझ पर खुदा मेरी इन आहों की
– ‘अश्क़’