अटल इरादा
वो आजकल ख़फा ख़फा से रहते हैं ।
दूसरों का गुस्सा मुझ पर उतारते रहते हैं ।
मैंने ऐसा क्या कह दिया जिससे वो नाराज़ हैं ।
मैंने तो कुछ असलियत जाहिर की थी जिससे वो परेशान है।
मैंने तो सिर्फ यह कहा था ख्वा़बों में भटकने से से कुछ हासिल नहीं होगा ।
तुम्हें जिंदगी की असलियत समझ कर उसके मुताबिक अपने आप को ढाल कर चलना होगा।
राहों में रुकावटें भी आएंगी रुकावटों का सामना कर आगे बढ़ना होगा ।
साजिशों से बचना होगा।
दोस्त और दुश्मन के फ़र्क को समझना होगा ।
दिल पर काबू कर दिमा़ग से सोचना होगा ।
और सही और गलत का फैसला लेना होगा ।
दोस्ती का मुखौटा लिए फ़रेबियों को भी पहचानना होगा।
औरों के नक्शे कदम पर चलने की बजाए अपनी राह खुद बनानी होगी।
रास्ते में परेशानियां तो बहुत होंगी पर आखिर जीत तुम्हारी होगी ।
हालातों से समझौता न कर उनसे जूझ कर आगे बढ़ना होगा।
लालच के सब्ज़बागों के झांसों से दूर रहना होगा।
गैरों को नसीहत देने के बजाय खुद उन पर चलना होगा ।
मज़लूमो को उन पर होने वाले ज़ुल्म से बचाना होगा।
और सच का साथ देना होगा।
अपना जमीर और हौसला बुलंद रखना होगा। मुसीबतों के पल आने पर पर भी अपने सब्र और ईमान को सलामत रखकर आगे बढ़ना होगा।
दूसरों की देखा देखी ना करके अपनी हस्ती खुद बनानी होगी।
ग़र लाख करे कोशिश दुनिया गिराने की हर बार संभल कर अपने आप को टूटने से बचाना होगा।
जब कुछ कर गुज़रने का इरादा अटल होगा।
तब तेरी हिम्मत में तेरा मसीहा तेरे साथ होगा।