अच्छा सुनो ना
अच्छा सुनो ना, तमन्ना है मेरी तुम्हें गले लगाने की।
तुमसे मिलकर सब कुछ भूल जाने की।
इत्मीनान से बैठेंगे, बातें करेंगे, तुम जल्दी न करना वापिस जाने की।
बहुत सताया है तुमने मुझको आखिर, अब मेरी बारी है तुझे सताने की।
मैं तुम्हारे बिखरे बालों को सेहलाऊंगी,
तुम भी करना कोशिश मेरी उलझी लटें
सुलझाने की।
हाथ में लेकर हाथ तेरा घूमना है मुझे,
फिक्र न करेंगे जमाने की।
पर कहां पूरी होती हैं खवाइशें सारी,
बहुत कुछ खो जाता है, हसरत में थोड़ा कुछ पाने की।