Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Jan 2023 · 1 min read

*अग्रोहा की यश-कथा (कुंडलिया)*

अग्रोहा की यश-कथा (कुंडलिया)
_______________________________
अग्रोहा की यश – कथा ,एक राष्ट्र जन एक
अग्रसेन भगवान की , रचना सुंदर नेक
रचना सुंदर नेक , अठारह गोत्र रचाए
शुभ – विवाह अभिराम ,गोत्र से इतर कराए
कहते रवि कविराय , मानते थे सब लोहा
नहीं लोक में तीन , राज्य जैसा अग्रोहा
_______________________________
रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451

315 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all
You may also like:
यलग़ार
यलग़ार
Shekhar Chandra Mitra
परमेश्वर का प्यार
परमेश्वर का प्यार
ओंकार मिश्र
रिश्ते
रिश्ते
विजय कुमार अग्रवाल
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
ओढ़कर कर दिल्ली की चादर,
Smriti Singh
एक अबोध बालक
एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
ओ मुसाफिर, जिंदगी से इश्क कर
Rajeev Dutta
ज़िंदगी तेरे सवालों के
ज़िंदगी तेरे सवालों के
Dr fauzia Naseem shad
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
बदलते वख़्त के मिज़ाज़
Atul "Krishn"
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
इस गुज़रते साल में...कितने मनसूबे दबाये बैठे हो...!!
Ravi Betulwala
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
फिर आओ की तुम्हे पुकारता हूं मैं
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
दर्द -ऐ सर हुआ सब कुछ भुलाकर आये है ।
Phool gufran
आम का मौसम
आम का मौसम
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
2229.
2229.
Dr.Khedu Bharti
न्याय तो वो होता
न्याय तो वो होता
Mahender Singh
जय श्री राम।
जय श्री राम।
Anil Mishra Prahari
"मैं न चाहता हार बनू मैं
Shubham Pandey (S P)
जीवन की सच्चाई
जीवन की सच्चाई
Sidhartha Mishra
#दोहा
#दोहा
*Author प्रणय प्रभात*
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
करके कोई साजिश गिराने के लिए आया
कवि दीपक बवेजा
पहले क्या करना हमें,
पहले क्या करना हमें,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
ये वादियां
ये वादियां
Surinder blackpen
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
आंखों से बयां नहीं होते
आंखों से बयां नहीं होते
Harminder Kaur
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
कलियों सा तुम्हारा यौवन खिला है।
Rj Anand Prajapati
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
ये नफरत बुरी है ,न पालो इसे,
Ranjeet kumar patre
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
जी.आज़ाद मुसाफिर भाई
gurudeenverma198
यादें
यादें
Tarkeshwari 'sudhi'
"एक दीप जलाना चाहूँ"
Ekta chitrangini
रूठ जा..... ये हक है तेरा
रूठ जा..... ये हक है तेरा
सिद्धार्थ गोरखपुरी
Loading...