” अखंड ज्योत “
आ जाओ सारे आकर बैठो मेरे पास
अखंड ज्योत की मैं कथा सुनाऊं
कोरोना अवधि में आया था नवरात्रा
उसी समय का आज जिक्र कर जाऊं,
कलश स्थापना को उत्साहित थी मीनू
माता रानी का दरबार सुसज्जित किया
अखंड ज्योत रखने का मन था मेरा
सेवा में उसके सारा ध्यान लगाया,
समस्त सामग्री बाजार से खरीदकर
पूजा अर्चना करने को पांडाल सजाया
फलाहार से शुरू किए नवरात्र उपवास
बैंक ड्यूटी से अवकाश स्वीकृत कराया,
श्रद्धा भक्ति से अखंड ज्योत स्थापित की
हाथ जोड़ पूनिया परिवार ने उपवास रखा
सुबह शाम बस मां भवानी का नाम
मधुर भजनों से वातावरण शुद्ध किया,
बिस्तर त्यागने का तो पहले से ही था विचार
मां भवानी के चरणों में बिछौना लगाया
तालियों की गड़गड़ाहट संग बच्चे करें आरती
धूप अगरबत्ती ने माहौल आध्यात्मिक बनाया।
Dr.Meenu Poonia jaipur