* अकोहम ब्रह्म द्वितीयो नास्ति *
इस दुनियां के लोग भी
कितने अजीब हैं
मुर्दों को तो बिना
भेदभाव के सर झुकाकर
सज़दा करते हैं और
जिन्दा इंसान से भेद करते हैं
बाते करते हैं पंच तत्व की
और कहते हैं
एकोहम ब्रह्म द्वितीयो नास्ति ।।
?मधुप बैरागी
इस दुनियां के लोग भी
कितने अजीब हैं
मुर्दों को तो बिना
भेदभाव के सर झुकाकर
सज़दा करते हैं और
जिन्दा इंसान से भेद करते हैं
बाते करते हैं पंच तत्व की
और कहते हैं
एकोहम ब्रह्म द्वितीयो नास्ति ।।
?मधुप बैरागी