अकेला जीवन
ध्यान रख ,
याद रख ,
बांस के चार डंडो पर लेट कर
सब खत्म हो जाना है,
बस एक ही सच रह जाना है,
ना तू है मेरा,
ना मैं हूं तेरा..
तू भी आया अकेला,
मैं भी आया अकेला..
सबको वहां जाना है अकेला….
उमेंद्र कुमार
ध्यान रख ,
याद रख ,
बांस के चार डंडो पर लेट कर
सब खत्म हो जाना है,
बस एक ही सच रह जाना है,
ना तू है मेरा,
ना मैं हूं तेरा..
तू भी आया अकेला,
मैं भी आया अकेला..
सबको वहां जाना है अकेला….
उमेंद्र कुमार