Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 Feb 2024 · 1 min read

अंधेरे आते हैं. . . .

अंधेरे आते हैं ……

ठहरो
कि अंधेरे आते हैं
ज़िहन की गहरायों में
यादों के सवेरे आते हैं
जिंदगी को बहकाते हैं
छोड़ आये जो मोड़
फिर वही दोहराते हैं
मोहब्बत के दरीचों से
ये किसकी सदा आती है
चश्म को नमनाक कर जाती है
किस्से बारिशों के दोहराती है
दिल की तड़प गुनगुनाती है
अहसासों के जलजले
थमते ही नहीं
पर्दे से मंज़र बदलते ही नहीं
ख़याल
आते हैं गुज़र जाते हैं
गुजारिश है तुमसे
जरा ठहरो
कि अंधेरे आते हैं

सुशील सरना / 19-2-24

185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
*फिर से बने विश्व गुरु भारत, ऐसा हिंदुस्तान हो (गीत)*
Ravi Prakash
भीगी बाला से हुआ,
भीगी बाला से हुआ,
sushil sarna
आ लौट के आजा टंट्या भील
आ लौट के आजा टंट्या भील
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
मैनें प्रत्येक प्रकार का हर दर्द सहा,
Aarti sirsat
ഹൃദയശൂന്യ
ഹൃദയശൂന്യ
Heera S
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
आचार्य शुक्ल के उच्च काव्य-लक्षण
कवि रमेशराज
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
अलविदा कह जाओगे जब दुनियां को...
Ajit Kumar "Karn"
मुकद्दर से ज्यादा
मुकद्दर से ज्यादा
rajesh Purohit
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
धार्मिक सौहार्द एवम मानव सेवा के अद्भुत मिसाल सौहार्द शिरोमणि संत श्री सौरभ
World News
नहीं मैं -गजल
नहीं मैं -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
वो भी तिरी मानिंद मिरे हाल पर मुझ को छोड़ कर
Trishika S Dhara
मोहब्बत जब होगी
मोहब्बत जब होगी
Surinder blackpen
हर क्षण का
हर क्षण का
Dr fauzia Naseem shad
तुम जुनून हो
तुम जुनून हो
Pratibha Pandey
..
..
*प्रणय*
वाल्मिकी का अन्याय
वाल्मिकी का अन्याय
Manju Singh
*कुछ शेष है अब भी*
*कुछ शेष है अब भी*
अमित मिश्र
सफ़र जिंदगी के.....!
सफ़र जिंदगी के.....!
VEDANTA PATEL
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
पास आकर मुझे अब लगालो गले ,
कृष्णकांत गुर्जर
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
मुझे इंतजार है , इंतजार खत्म होने का
Karuna Goswami
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
क्या हुआ गर तू है अकेला इस जहां में
gurudeenverma198
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
दुनिया अब व्यावसायिक हो गई है,रिश्तों में व्यापार का रंग घुल
पूर्वार्थ
मोहब्बत
मोहब्बत
अखिलेश 'अखिल'
बारिश की बूंद
बारिश की बूंद
Neeraj Agarwal
संगत
संगत
Sandeep Pande
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
हार्पिक से धुला हुआ कंबोड
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
जो लोग टूट जाते हैं किसी से दिल लगाने से,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
फ़ना
फ़ना
Atul "Krishn"
Loading...