अंदर का मधुमास
मन मोखा से
खुशी का झोंका आने देना।
अंदर का मधुमास
कभी न जाने देना।
जीवन के गुलशन में
रोज विचरता जा,
पतझड़ की परवाह न कर
बस बढ़ता जा।
रात दिवस साँसों के पथ पर
अन दिन यूं मुस्काना है,
सुख-दुख धूप छांव के मानिंद,
आ करके चले जाना है।
कठिन समय हो तो
हरि का गुण गा लेना।
अंदर का मधुमास
कभी न जाने देना।
सतीश सृजन